क्रिया के कितने भेद होते हैं: में हम पूरी जानकारी इस आर्टिकल के जरिये आपको बहुत simple examples के साथ बताने के कोशिस करेंगे।
हम यहाँ पर आपके सभी सवालो के जवाब देंगे, जो की क्रिया के कितने भेद होते हैं से सम्बंधित है
हम यहाँ पर इसके Definition, Rules, Hindi meaning, Examples, Recognition/Identity या पहचान इत्यादि ke बारे में हम आपको बताएँगे।
जिससे की आप क्रिया के कितने भेद होते हैं अच्छे से समझ सके।
इन सभी के बारे में आपके साथ जाकारी साझा करने से पहले आपको बताना चाहेंगे की इसका इस्तेमाल Hindi Grammar या Hindi spoken class में सिखाया जाता है
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विषय-सूची
kriya kise kahate hai
क्रिया यानि की “कर्म”
वे शब्द जिनके द्वारा किसी कार्य का होना पाया जाता है वे शब्द ही की क्रिया पद या क्रिया शब्द कहलाते है।
जैसे ;- बनाना , नहाना , पीना , हंसना, बोलना,चलना, पढ़ना, लिखना, इत्यादि क्रिया के उदाहरण है जिनमे किसी कार्य के होने का संकेत मिल रहा है
बनाना का मतलब ही है की कोई किसी वस्तु को बना रहा है , “नहाना” इस शब्द से भी आपको यह भान हो चूका होगा की कोई नहा रहा है यानि स्नान कर रहा है इत्यादि।
kriya ke kitne bhed hote hain
क्रिया को तीन अलग अलग बातो के आधार पर बांटा गया है जो की इस प्रकार से है
1. कर्म के आधार पर
कर्म के आधार पर क्रिया के दो भेद होते है।
- अकर्मक क्रिया
- सकर्मक क्रिया
अकर्मक क्रिया
वे सभी क्रियाये जिनको करने के लिए कर्म की आवश्यकता नहीं होती है “अर्थात वह स्वतः ही हो जाते है ” वह सभी क्रियाये अकर्मक क्रिया कहलाती है
जैसे की – हंसने के लिए कर्म करने की जरुरत नहीं पड़ती है हंसी किसी की भी प्राकृत की देन है
जो किसी भी हास्य को देख या सुनकर स्वतः ही आ जाती है
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इसके और भी उदाहरण इस प्रकार से है ;-
बच्चे का रोना, चिडिंयो का उड़ना, हवा का चलना
इसे हम इस तरह से भी कह सकते है की जो भी कार्य प्राकृतिक रूप से स्वतः ही जो जाती है वो भी अर्कमक किया कहलाती है ।
सकर्मक क्रिया –
वे सभी कार्य जिनको करने की जरुरत होती है अथवा वह कार्य जो स्वतः नहीं होते है सकर्मक क्रिया कहलाती है
उदाहरण के लिए ;- बच्चा टी वी देखता है
यहाँ पर बच्चा टी वी देख रहा है यानी की वह यह कार्य कर रहा है इस कार्य को करने के लिए बच्चा कर्म कर रहा है
इसके और भी उदाहरण इस प्रकार से है
- शीतल पढ़ती है।
- मोहन नहाता है।
अर्थात , जिन वाक्यों में क्रिया करने के लिए कर्म की आवश्यकता होती है
जैसे खाना बनाने के लिए अनाज की आवश्यकता होती है और पुस्तक पढ़ने के लिए पुस्तक की आवश्यकता होती है सकर्मक क्रिया कहलाती है
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2. संरचना के आधार पर क्रिया भेद
संरचना के आधार पर क्रिया चार प्रकार के होते हैं
प्रेरणार्थक क्रिया;- जिस क्रिया से यह ज्ञात हो कि कर्ता स्वयं काम ना करके किसी और से काम करा रहा हो, उसे प्रेरणार्थक क्रिया कहते हैं ।
जैसे- बोलवाना, लिखवाना आदि।
नामधातु क्रिया;- ऐसी धातु जो क्रिया को छोड़कर किन्ही अन्य शब्दों जैसे संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि से बनती है, वह नामधातु क्रिया कहते हैं।
जैसे – अपनाना, बतियाना आदि।
सयुंक्त क्रिया;- ऐसी क्रिया जो किन्ही दो क्रियाओं के मिलने से बनती है, वह सयुंक्त क्रिया कहलाती है।
जैसे- पढ़ लिया, बोल दिया, खा लिया आदि ।
कृदंत क्रिया : जब किसी क्रिया में प्रत्यय जोड़कर उसका नया क्रिया रूप बनाया जाए, तब वह क्रिया कृदंत क्रिया कहलाती है।
जैसे -दौड़ता, भागता आदि।
3. प्रयोग के आधार पर क्रिया के भेद –
प्रयोग के आधार पर क्रिया के 8 प्रकार के होते हैं
- पूर्वकालिक क्रिया
- सामान्य क्रिया
- प्रेरणार्थक क्रिया
- सजातीय क्रिया
- यौगिक क्रिया
- तात्कालिक क्रिया
- सहायक क्रिया
- विधि क्रिया
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पूर्वकालिक क्रिया ;- जब किसी वाक्य में दो क्रिया जुडी हो था उनमे से क्रिया दूसरे से पहले पूर्ण हो चुकी हो तो पहले पूर्ण होने वाली क्रिया पूर्वकालिक क्रिया कहलाती है
जैसे ;- सीमा खाने से पूर्व नहा चुकी है
इस वाक्य में सीमा नहा चुकी है जो की यह कार्य उसने खाने से पूर्व किया है तो इस वाक्य में नहाना पूर्वकालिक क्रिया कहलाएगी।
सामान्य क्रिया ;- जब किसी वाक्य में एक ही क्रिया का प्रोग हुआ हो तो उसे सामान्य क्रिया कहते है
जैसे- वह पढ़ता है
प्रेरणार्थक क्रिया;- वह क्रिया जो की किसी के प्रेरित करने पर पूर्ण की जाये तो ऐसी क्रिया को प्रेरणार्थक क्रिया कहते है
जैसे – सीमा अपने बेटे से पत्र पढ़वाती है
सजातीय क्रिया;- वे क्रिया जिनमे कर्म और क्रिया दोनों एक ही धातु से बनकर प्रयुक्त होती है वे सजातीय क्रिया कहलाती है
जैसे;- हमने खाना खाया।
4. काल के अनुसार क्रिया के भेद
काल यानि समय के अनुसार क्रिया 3 प्रकार के होते है
भूतकालिक क्रिया ;- बीते समय का बोध करने वाली क्रियाये भूतकालिक क्रिया कहलाती है
यह मुख्यतः 6 प्रकार की होती है
- सामान्य
- आसन्न
- पूर्णभूत
- संदिग्ध
- अपूर्णभूत
- हेतु – हेतुमद
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वर्तमान कालिक ;- जिन क्रिया में वर्तमान समय का बोध हो, तो वह वर्तमानकालिक क्रिया होती है
यह मुख्यतः पांच प्रकार की होती है
- समान्य वर्तमान
- अपूर्ण वर्तमान
- संदिग्ध वर्तमान
- संभाव्य वर्तमान
- आज्ञार्थ वर्तमान
भविस्य कलिक क्रिया ;-आने वाले समय का बोध करने वाली क्रियाओ को भविस्य कलिक क्रिया कहते है
यह मुख्यतः तीन प्रकार की होती है
- सामान्य
- आज्ञार्थ
- संभाव्य
Most Asked Q&A
1.क्रिया के कितने भेद होते हैं |
कर्म के आधार पर क्रिया के मुख्यतः दो भेद होते है। |
2.क्रिया किसे कहते हैं |
वे शब्द जिनके द्वारा किसी कार्य का होना पाया जाता है वे शब्द ही क्रिया कहलाते है। |
3.कर्म के आधार पर क्रिया के कितने भेद होते हैं |
कर्म के आधार पर क्रिया के मुख्यतः दो भेद होते है, 1.अकर्मक क्रिया, 2. सकर्मक क्रिया |
4.थप थप शब्द से बनने वाली नामधातु क्रिया कौन है? |
थप थप शब्द से बनने वाली नामधातु क्रिया थपथपाना है |
5.कृदंत क्रिया कौन सी होती है? |
कृत प्रत्ययों को जोडकर जो क्रिया बनाई जाती है उसे कृदंत क्रिया कहते हैं |
6. मुख्य क्रिया और सहायक क्रिया में क्या अंतर है? |
क्रिया का एक अंश जो मुख्य अर्थ प्रदान करता है, उसे मुख्य क्रिया कहते हैं। मुख्य क्रिया के अलावा जो भी अंश शेष रह जाता है, उसे सहायक क्रिया कहते है। |
7.चराना का मूल क्रिया क्या है? |
चराना [क्रिया सकर्मक] 1. पशुओं को मैदान आदि में ले जाकर चरने के लिए छोड़ देना 2. {लाक्षणिक अर्थ} धोखा देना ; बेवकूफ़ बनाना ; ठगना। |
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