हम आपको बताएंगे। की स्वर कितने प्रकार के होते हैं। तथा स्वर कि क्या महत्व है। हमारे जीवन में परंतु सबसे पहले हमें वर्णमाला को समझना जरूरी है। की वर्णमाला में कितने वर्ण तथा कितने स्वर वह कितने व्यंजक होते हैं। इस पोस्ट में हम आपको आगे बताने वाले हैं ।
तो स्वर किसे कहते हैं। स्वर किसी भाषा को पढ़ने व समझने के लिए जरूरी है। हिंदी वर्णमाला में 52 वर्ण होते हैं। इतना तो आप सभी लोग भी जानते होंगे। कि हिंदी की वर्णमाला आजकल बच्चों को छोटी छोटी कक्षाओं में सिखाई जाती है। जिससे विद्यार्थी पढ़ना सीखते हैं। वह अक्षरों को पहचाना भी। परंतु यह सब हिंदी व्याकरण में विद्यार्थियों से पूछा जाता है। कि स्वर किसे कहते हैं। स्वर कितने प्रकार के होते है|
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विषय-सूची
हिंदी में स्वर कितने प्रकार के होते हैं ?
हिंदी व्याकरण वर्णमाला में पहले स्वर की संख्या 14 थी। जैसे – अ,आ,इ, ई,उ,ऊ,ऋ ,ए,ऐ,ओ,औ, लृ,लृ ।
अब हिंदी वर्णमाला में स्वरों की संख्या 11 है। अ,आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ । प्राथमिक स्तर के वर्णमाला के पुस्तकों में स्वरों की संख्या 13 लिखी जाती है। जैसे – अ,आ,इ,ई,उ,ऊ, ऋ,ए,ऐ, ओ, औ,अं,अ: जो सही नहीं है ।
” परंतु”
हिंदी वर्णमाला में स्वरों की संख्या 11 है। जैसे – अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ, है । जो सही है।
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स्वर कितने प्रकार के होते हैं संस्कृत में –
संस्कृत में प्रमुख स्वर 10 होते है जिनमे से तीन स्वर हस्व है और कुल 13 स्वर और सात दीर्घ स्वर होते है। हस्व स्वर दीर्घ स्वर – अ, इ. उ आ, ई. ऊ ए. ऐ, ओ, औ इनमें से आ, ई और ऊ क्रमशः अ, इ और उ के दीर्घ रूप होते है
अ, आ, इ. ई. उ. ऊ, ऋ ऋ, लृ . ए. ऐ. ओ, औ।
स्वर की परिभाषा किसे कहते है
जिन वर्णों को स्वतंत्र रूप से बुलाया पुकारा जा सके उसे स्वर्ग कहते हैं।जिन वर्णों के उच्चारण के लिए किसी दूसरे वाहन की सहायता की आवश्यकता नहीं होती है। उसे स्वर्ग कहते हैं।
स्वर कितने प्रकार के होते हैं –
स्वर तीन प्रकार के होते हैं।
- हृस्व स्वर
- दीर्घ स्वर
- प्लुत स्वर
हृस्व स्वर किसे कहते है ?
हृस्व स्वर की परिभाषा – जिन स्वरों के उच्चारण करने में कम समय लगता हो, उन स्वर को हृस्व स्वर कहते हैं । हृस्व स्वर की संख्या – अ,इ,उ,ऋ
दीर्घ स्वर किसे कहते है ?
दीर्घ स्वर की परिभाषा – जिन स्वरों के उच्चारण में हृस्व स्वरो से दुगुना समय लगता हो , उन स्वरों को दीर्घ स्वर कहते हैं। दीर्घ स्वर की कुल संख्या – आ,ई,ऊ,ए, ऐ,ओ,और ।
प्लुत स्वर किसे कहते है ?
प्लुत स्वर की परिभाषा – जिन स्वरों का उच्चारण करने में हृस्व से तीन गुना समय लगता हो । उन स्वरो को प्लुत स्वर्ग कहते हैं । इस स्वर के लिए कोई निश्चित मात्रा नहीं है । प्लुत स्वरो की कुल संख्या- 0 ।
निष्कर्ष :-
आज इस पोस्ट में हमने आपको स्वर किसे कहते हैं। और स्वर कितने प्रकार के होते हैं । तथा स्वर्णमाला हमारे जीवन के लिए जरूरी क्यों है । आपको ये पोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएं। |
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1. स्वर किसे कहते हैं ?
जिन वर्णों को स्वतंत्र रूप से बुलाया पुकारा जा सके उसे स्वर्ग कहते हैं।जिन वर्णों के उच्चारण के लिए किसी दूसरे वाहन की सहायता की आवश्यकता नहीं होती है उसे स्वर्ग कहते हैं।
2. संस्कृत में स्वर वर्ण कितने होते हैं ?
संस्कृत में कुल 13 स्वर हैं: अ, आ, इ. ई. उ. ऊ, ऋ ऋ, लृ . ए. ऐ. ओ, औ।
3. स्वर कितने होते हैं और कौन कौन से ?
हिंदी भाषा में स्वरों की कुल संख्या = 11 (अ, इ, उ, ऋ, आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ)
4. स्वर वर्ण का संस्कृत में क्या कहते है ?
स्वर को संस्कृत में ‘अच्’ और ब्यंजन को ‘हल्’ कहते हैं
5. संस्कृत वर्णमाला में कितने अक्षर होते है ?
संस्कृत वर्णमाला में कुल 54 अक्षर होते है ।
6. हिंदी वर्णमाला में कुल कितने अक्षर होते हैं
हिंदी वर्णमाला में उच्चारण के आधार पर 45 वर्ण है जिसमें 10 स्वर तथा 35 व्यंजन है और लेखन के आधार पर 52 वर्ण होते है, जिनमें 13 स्वर तथा 35 वयंजन और 4 संयुक्त व्यंजन है।