Yamak Alankar, अलंकार के शब्दालंकार का एक भेद है जिसका इस्तेमाल करके अनेको काव्य की रचना की गयी है |
Read also – Cutie Pie Meaning In Hindi
विषय-सूची
Yamak Alankar
परिभाषा ;-
जब कभी किसी काव्य में कोई शब्द दो या दो अधिक बार आ जाये किन्तु हर बार उस शब्द का अर्थ अलग अलग हो तो वहां पर यमक अंलकार होता है।
उदाहरण के लिए ;-
- सजना है मुझे सजना के लिए
- काली घटा का घमंड घटा
- कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय।
- तीन बेर खाती थी वह तीन बेर खाती है।
- जेते तुम तारे तेते नभ में न तारे हैं।
Read also – LKG Full Form in Hindi – L.K.G. का Meaning क्या है?
यहाँ पर प्रथम उदाहरण में लिखे पहले सजना का मतलब सजावट या श्रृंगार है और दूसरे सजना का अर्थ है “पति”, अर्थात इस काव्य में कोई पत्नी अपने पति के लिए श्रृंगार करने की बात कर रही है
आप इसे देख सकते है की कैसे एक शब्द को बड़ी ही चतुराई से दो बार लिखा गया है
ठीक उसी प्रकार उदाहरण 2 में भी आप देख सकते हैं की ‘घटा’ शब्द का दो बार प्रयोग हुआ है। पहली बार ‘घटा’ शब्द का प्रयोग बादलों के काले रंग की और संकेत कर रहा है।
दूसरी बार ‘घटा’ शब्द बादलों के कम होने का वर्णन कर रहा है। अतः ‘घटा’ शब्द का दो बार प्रयोग और अलग अलग अर्थ के कारण उक्त पंक्तियों में यमक अलंकार की छटा दिखती है।
यमक आकार के भेद
यमक अलंकार के दो भेद है। 1. सभंग पद यमक 2. अभंग पद यमक
1. सभंग पद Yamak Alankar
जब जोड़ – तोड़ कर एक जैसे वर्ण समूह( शब्द ) की आवृत्ति होती है , और उसे भिन्न-भिन्न अर्थों की प्रकृति होती है अथवा वह निरर्थक होता है , तब सभंग पद यमक होता है।
उदाहरण के लिए ;-
” पास ही रे हीरे की खान ,
खोजता कहां और नादान? ”
यहां ‘ ही रे ‘ वर्ण – समूह की आवृत्ति हुई है।
पहली बार वही ही + रे को जोड़कर बनाया है। इस प्रकार यहां सभंग पद यमक है।
Read also – Who Meaning in Hindi – Who का मतलब क्या होता है?
2. अभंग पद Yamak Alankar
जब किसी शब्द को बिना तोड़े मरोड़े एक ही रूप में अनेक बार भिन्न-भिन्न अर्थों में प्रयोग किया जाता है , तब अभंग पद यमक कहलाता है। जैसे –
” जगती जगती की मुक प्यास। “
इस उदाहरण में जगती शब्द की आवृत्ति बिना तोड़े मरोड़े भिन्न-भिन्न अर्थों में 1 ‘ जगती ‘ 2 ‘ जगत ‘ ( संसार ) हुई है। अतः यह अभंग पद यमक का उदाहरण है।
Most Asked Q&A
यमक अलंकार की परिभाषा लिखो
किसी कविता या काव्य में एक ही शब्द दो या दो से अधिक बार आये और हर बार उसका अर्थ भिन्न हो वहाँ यमक अलंकार होता है।
आशु से गिरते मैं कौन सा अलंकार है?
रूपक अलंकार
यमक और श्लेष अलंकार में क्या अंतर है?
जब किसी काव्य में एक ही शब्द में से कई अर्थ निकलते हों तब वहां श्लेष अलंकार होता है। किन्तु जब किसी काव्य में एक ही शब्द का कम से कम दो बार आवृति हो और हर बार शब्द का अर्थ अलग अलग हो तो यमक अलंकार कहलायेगा।
Read also – What is Being Meaning in Hindi (बिंग का हिंदी अर्थ)
यमक अलंकार के उदाहरण संस्कृत में
1. हरे हरे और पुष्प पुष्प में कौन सा अलंकार है?
इसे यमक अलंकार कहा जाता है।
2. यमक अलंकार किस अलंकार के अंतर्गत आता है
यमक अंलकार, अलंकार के शब्दालंकार का एक भेद है
3. पुष्प पुष्प में कौन सा अलंकार है?
इसे यमक अलंकार कहा जाता है।
4. यमक अलंकार में कितने शब्द प्रयुक्त होते हैं?
यमक अलंकार में शब्द दो या दो से अधिक बार प्रयुक्त होते हैं
5. स्वप्न में कौन सा अलंकार है?
स्वप्न में कौन सा अलंकार है?
Read also –