क्या आप जानते है राज्यपाल क्या होता है ? और उत्तराखंड का राज्यपाल कौन है 2021 में भारतीय संविधान के भाग 6 में राज्य शासन के लिए प्रावधान किया गया है यह प्रावधान जम्मू कश्मीर को छोड़कर सभी राज्यों के लिए लागू होता है संविधान की अनुच्छेद (153 ) के अनुसार राज्य के लिए एक राज्यपाल की व्यवस्था की गई है
जिसकी नियुक्ति नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा 5 वर्षों के लिए की जाती है तथा राज्य की कार्यपालिका का प्रमुख भी राज्यपाल होता है वह प्रत्यक्ष रुप से अधीनस्थ अधिकारियों के माध्यम से इसका उपयोग करता है।
राज्यपाल राज्य के उच्च अधिकारियों जैसी मुख्य सचिव, महाधिवक्ता राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्य की नियुक्ति करता है।
विषय-सूची
- 1 उत्तराखंड का राज्यपाल कौन है ?
- 2 राज्यपाल बनने के लिए योग्यता क्या होती है ?
- 3 उत्तराखंड के प्रथम राज्यपाल कौन थे ?
- 4 उत्तराखंड के दूसरे राज्यपाल कौन थे ?
- 5 उत्तराखंड के तीसरे राज्यपाल कौन थे ?
- 6 उत्तराखंड के चौथे राज्यपाल कौन थे ?
- 7 उत्तराखंड के पांचवे राज्यपाल कौन थे ?
- 8 उत्तराखंड के छटवे राज्यपाल कौन थे ?
- 9 राज्यपाल का वेतन कितना है ?
- 10 राज्यपाल का काम क्या होता है ?
- 11 राज्यपाल शासन क्या होता है
- 12 राज्यपाल से जुडी जानकारी
उत्तराखंड का राज्यपाल कौन है ?
उत्तराखंड की वर्तमान राज्यपाल बेबी रानी मौर्य है जिन्हें 26 अगस्त सन 2018 को उत्तराखंड के हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस राजीव शर्मा ने उत्तराखंड के सातवें राज्यपाल के रूप में शपथ दिलाई थी राज्यपाल केंद्र सरकार का प्रतिनिधि करता है।
राज्यपाल बनने के लिए योग्यता क्या होती है ?
राज्यपाल पद पर नियुक्त होने के लिए व्यक्ति की योगिता निम्न होनी चाहिए तभी वो राजपाल बन सकता है जैसे , वह भारत का नागरिक हो,35 वर्ष उम्र पूरी कर चुका हो, किसी प्रकार के लाभ के पद पर नहीं हो ,वह राज्य विधानसभा का सदस्य चुने जाने योग्य हो, लेकिन आपको बता दें कि भारतीय संविधान में राज्यपाल को उसके पद से हटाने हेतु किसी भी प्रकार का उल्लेख नहीं किया गया है।
उत्तराखंड के प्रथम राज्यपाल कौन थे ?
उत्तराखंड राज्य के प्रथम राज्यपाल सुरजीत सिंह बरनाला थे जिन्होंने 9 नवंबर सन 2000 से 2003 तक अपना कार्यभार संभाला था इनका जन्म हरियाणा के एक गांव में हुआ था उत्तराखंड के राज्यपाल के बाद यह आंध्र प्रदेश के राज्यपाल भी बने रहे जिनका कार्यकाल 3 जनवरी सन 2007 से 2 नवंबर सन 2011 तक रहा औरआपको बता दू की 14 जनवरी 2007 को इनका देहांत चंडीगढ़ में हो गया।
उत्तराखंड के दूसरे राज्यपाल कौन थे ?
उत्तराखंड की दूसरे राज्यपाल सुदर्शन अग्रवाल रहे थे जिन्होंने 8 जनवरी 2003 से सन 2007 तक अपना कार्यभार संभाला था इनका जन्म 19 जून 1931 को लुधियाना पंजाब में हुआ था
उत्तराखंड के तीसरे राज्यपाल कौन थे ?
उत्तराखंड के तीसरे राज्यपाल बी.एल जोशी थे जिन्होंने 29 अक्टूबर 2007 से 5 अगस्त सन 2009 तक अपना कार्यभार संभाला था बनवारी लाल जोशी राजनीतिक व्यक्ति थे जो 2009 से 2014 तक उत्तरप्रदेश के राज्यपाल भी रहे है 22 दिसम्बर 2017 को इनका निधन हो गया।
उत्तराखंड के चौथे राज्यपाल कौन थे ?
उत्तराखंड की चौथी राज्यपाल श्री मार्गेट अल्वा रही है और आपको बता दें कि यहां उत्तराखंड की पहली महिला राज्यपाल रही है अरे कालीन का कार्यकाल 6 अगस्त 2009 से 14 मई 2012 तक था यहां यहां अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की आम सचिव है और इन्हें मर्शी रवि अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया है।
उत्तराखंड के पांचवे राज्यपाल कौन थे ?
उत्तराखंड के पांचवे राज्यपाल अजीज कुरैशी रहे हैं जिनका कार्यकाल 15 मई 2012 से 7 जनवरी 2015 तक रहा है इन्होंने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के रूप में भी कार्य किया है।
उत्तराखंड के छटवे राज्यपाल कौन थे ?
उत्तराखंड के छटवे राज्यपाल कृष्णकांत पॉल रहे है जिनका जन्म 6 फरवरी 1948 को पंजाब में हुआ था।
उत्तराखंड की सातवीं राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य है जो अभी वर्तमान राज्यपाल है इन्हें 1996 को सामाजिक कार्य के लिए समाज रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया था और 1998 नारी रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया था
राज्यपाल का वेतन कितना है ?
राज्यपाल का वेतन 3,50,000 मासिक होता है यदि दो या दो से अधिक राज्यों का एक ही राज्यपाल हो तब उसके दोनों राज्यपाल का वेतन उस अनुपात में दिया जाएगा जैसे कि राष्ट्रपति निर्धारित करें।
उत्तराखण्ड के राज्यपाल का आधिकारिक आवास राजभवन है, जो राज्य की राजधानी देहरादून में स्थित वर्तमान राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य है जिनका जन्म 15 अगस्त 1956 को हुआ और इनकी शैक्षणिक योग्यत एम.ए., बी.एड. पास है ।
राज्यपाल का काम क्या होता है ?
राज्यपाल विधानमंडल का अभिन्न अंग होता है वो विधानमंडल का सत्र को आहूत करता है उसका सत्रवान करता है तथा उस का विघटन करता है राज्यपाल विधानसभा के अधिवेशन अथवा दोनों सदस्यों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करता
राज्य विधान मंडल द्वारा पारित विधेयक राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद ही अधिनियम बन पाता है।
वर्ष 1997 में श्रीमी मौर्य ने वर्तमान माननीय राष्ट्रपति और तत्कालीन अध्यक्ष राष्ट्रीय अनुसूचित मोर्चा श्री राम नाथ कोविंद जी की अध्यक्षता में कोषाध्यक्ष के रूप में कार्य किया था और वर्ष 2001 में प्रदेश सामाजिक कल्याण बोर्ड की सदस्य रहीं हैं
2002 में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य के रूप में नारी सशक्तिकरण तथा महिला कल्याण के क्षेत्र में प्रमुख भूमिका निभाई इन महत्वपूर्ण उत्तरदायित्वों के साथ-साथ श्रीमती मौर्य लगातार सक्रिय रूप से सामाजिक कार्यो के प्रति समर्पित रहीं हैं श्रीमती मौर्य विगत 18 वर्षो ‘नव चेतना जागृति संस्था’ के माध्यम से दलित एवं पिछड़ी हुई महिलाओं के लिए जागरूकता एवं न्याय दिलाने का कार्य कर रही हैं।
राज्यपाल शासन क्या होता है
राज्यपाल पद ग्रहण करने से पूर्व उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अथवा वरिष्ठ न्यायाधीश के सम्मुख अपने पद की शपथ लेता है राज्यपाल पद के दौरान उसके विरुद्ध किसी भी न्यायालय में किसी भी प्रकार का अपराधी कार्रवाई नहीं प्रारंभ की जा सकती है जब तक वह आपने पद पर हो तब तक उसकी गिरफ्तारी का आदेश किसी भी न्यायालय द्वारा जारी नहीं किया जा सकता ।
राज्य के उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति के संबंध में राज्यपाल राष्ट्रपति को परामर्श देता है राष्ट्रपति शासन के समय राज्यपाल केंद्र सरकार के अभिकर्ता के रूप में राज्य का प्रशासन चलाता है राज्यपाल राज्य के विश्वविद्यालय का कुलाधिपति होता है वह राज्य विधान परिषद की कुल सदस्य संख्या 1 /6 भाग सदस्यों को नियुक्त करता है।
राज्यपाल से जुडी जानकारी
1. स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल लॉर्ड माउंटबेटन थे ।
2. भारत के प्रथम राज्यपाल चक्रवर्ती राजगोपालचारी थे ।
3. प्रथम महिला राज्यपाल सरोजनी नायडू थी ।
4. अनुच्छेद 153 के तहत प्रत्येक राज्य के लिए एक राज्यपाल होगा।
5. 7वें संविधान संशोधन अधिनियम (1956) के द्वारा एक ही व्यक्ति को दो या अधिक राज्यों का राज्यपाल नियुक्त किया जा सकता है।
6. राज्यपाल न तो संसद और न ही विधानमंडल के किसी सदन का सदस्य होता है।
7. राज्यपाल अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति को देता है न कि मुख्यमंत्री को क्योंकि राज्यपाल राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत ही अपना पद धारण करता है।
8. राज्यपाल के वेतन एंव भत्ते ‘राज्य की संचित निधि से दिये जाते हैं।
9. अनु. 333 के तहत राज्यपाल आंग्ल भारतीय समुदाय के एक व्यक्ति को विधान सभा का सदस्य मनोनीत कर सकता है।
10. राज्य सरकार की आकस्मिक निधि पर राज्यपाल का नियंत्रण रहता है।
उम्मीद करते है इस पोस्ट में आपको जानकारी मिल गयी होगी की राज्यपाल क्या होता है और उत्तराखंड का राज्यपाल का नाम क्या है या उत्तराखंड का राज्यपाल कौन है तो इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करे और साथ कमेंट करके बताये ।
Related Posts –