आज हम आपको इस पोस्ट में बताएंगे । कि भारत का प्रथम गवर्नर जनरल कौन था। भारत पर ब्रिटिश शासन एक व्यापारिक इकाई के रूप में तब शुरू हुआ जब 31 दिसंबर 1600 को ईस्ट इंडिया कंपनी ने रानी एलिजाबेथ से रॉयल चार्टर प्राप्त किया। लगभग 3 शताब्दियों की समय अवधि के भीतर ब्रिटिश शासन एक व्यापारिक शक्ति से परिवर्तित होकर दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक शक्तियों में से एक हो गई।
यह उपलब्धि ब्रिटेन ने अपने उपनिवेशों की मजबूत एवं कुशल नौकरशाही की पृष्ठभूमि में हासिल की। भारत में उसने ब्रिटिश गवर्नर जनरल और वायसराय के माध्यम से नियंत्रण स्थापित किया। तो हम आपको आगे इस पोस्ट में बताएंगे कि स्वतंत्र भारत के प्रथम गवर्नर जनरल कौन थे । तथा भारत के अंतिम गवर्नर जनरल कौन थे।
गवर्नर जनरल – ब्रिटिश भारत में गवर्नर जनरल का पद ब्रिटिश शासन का प्रमुख पद था। भारत में गवर्नर जनरल का पद 1773 में सृजित किया। प्रारंभ में भारत के गवर्नर जनरल की नियुक्ति ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा की जाती थी। लेकिन 1857 के विद्रोह के बाद गवर्नर जनरल की नियुक्ति ब्रिटिश सरकार करने लगी गवर्नर जनरल को भारत का वायसराय कहा जाने लगा।
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विषय-सूची
- 1 भारत का प्रथम गवर्नर जनरल और वायसराय कौन था ?
- 2 स्वतंत्र भारत का प्रथम गवर्नर जनरल कौन था-
- 3 स्वतंत्र भारत के अंतिम गवर्नर जनरल कौन थे
- 4 अन्य प्रेसीडेंसी मुंबई एवं मद्रास के अपने स्वयं के गवर्नर थे।
- 5 भारत के महत्वपूर्ण गवर्नर-जनरल एवं वायसराय तथा उनसे संबंधित महत्वपूर्ण घटनाएं-
- 6 वर्ष 1775 -82 तक प्रथम मराठा युद्ध और वर्ष 17 82 में सालबाई की संधि
भारत का प्रथम गवर्नर जनरल और वायसराय कौन था ?
स्वतंत्र भारत का प्रथम गवर्नर जनरल” लॉर्ड माउंटबेटन” था। वह “15 अगस्त 1947 से 21 जून 1948” तक स्वतंत्र भारत का प्रथम गवर्नर जनरल रहा। इससे पहले वह 21 फरवरी 1947 से 15 अगस्त 1947 तक भारत का वायसराय रहा।
स्वतंत्र भारत का प्रथम गवर्नर जनरल कौन था-
- जन्म – 25 जून 1900
- जन्म स्थान – विंडसर, इंग्लैंड
- मृत्यु- 27 अगस्त 19 79, (उम्र 79)
स्वतंत्र भारत के अंतिम गवर्नर जनरल कौन थे
भारत का अंतिम गवर्नर जनरल लॉर्ड कैनिंग था । उसका पूरा नाम द विस्काउंट कैनिंग था। लॉर्ड द विस्काउंट कैनिंग 28 फरवरी 1856से। 1 नवंबर 18 58 तक भारत का गवर्नर जनरल रहा। इसके बाद वह भारत का प्रथम वायसराय बना।
बंगाल का गवर्नर -जनरल (1773-1833) – जब इस इंडिया कंपनी भारत आई तो उसमें बंगाल के गवर्नर पद के माध्यम से बंगाल पर अपना नियंत्रण स्थापित किया। बंगाल के पहले गवर्नर रोबोट क्लाइव थे।
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अन्य प्रेसीडेंसी मुंबई एवं मद्रास के अपने स्वयं के गवर्नर थे।
रेगुलेटिंग एक्ट 1773 के पारित होने के बाद बंगाल के गवर्नर पद का नाम बदलकर बंगाल का गवर्नर -जनरल रख दिया गया। बंगाल के पहले गवर्नर-जनरल वारेन हेस्टिंग्स थे।
इस अधिनियम( रेगुलेटिंग एक्ट 17 73) के माध्यम से मुंबई एवं मद्रास के गवर्नर ने बंगाल के गवर्नर -जनरल के अधीन कार्य किया।
भारत के महत्वपूर्ण गवर्नर-जनरल एवं वायसराय तथा उनसे संबंधित महत्वपूर्ण घटनाएं-
- वारेन हेस्टिंग्स – रेगुलेटिंग एक्ट -1773
- पिट्स इंडिया एक्ट – 1784
- वर्ष 1774 का रोहिला युद्ध
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वर्ष 1775 -82 तक प्रथम मराठा युद्ध और वर्ष 17 82 में सालबाई की संधि
- वर्ष 1780- 84 मैं दूसरा मैसूर युद्ध
- लॉर्ड कार्नवालिस (1786-1793) – तीसरा मैसूर युद्ध (1790- 92) और श्रीरंगपट्टम की संधि (1792)
- कॉर्नवालिस कोड (1793)
- बंगाल का स्थाई बंदोबस्त (1793)
- लॉर्ड वेलेजली (1798-1805) – सहायक संधि प्रणाली का परिचय (1798)
- चौथा मैसूर युद्ध (1799)
- दूसरा मराठा युद्ध (1803-05)
- लॉर्ड मिटों (1807-1813 ) – रणजीत सिंह के साथ अमृतसर की संधि (1809)
- लॉर्ड हेस्टिंग्स (1813-1823) – एग्लो-नेपाल युद्ध (1814 -16) और सुगौली की संधि 1816
- तीसरा मराठा युद्ध (1817-19) और मराठा परिसंघ का विघटन
- रैयतवाड़ी प्रणाली की स्थापना (1820)
- लॉर्ड एम हर्स्ट(1823-1828) – पहला बर्मा युद्ध (1824-1826)
- लॉर्ड विलियम बैटिंक (1828-1835) – सती प्रथा का उन्मूलन (1829)
- 1833 का चार्टर एक्ट
- लॉर्ड ऑकलैंड (1836-1842) – पहला अफगान युद्ध (1838-42)
- लॉर्ड हार्डिंग (1844-1848) – पहला आंग्ल सिख युद्ध (1845-56) और लाहौर की संधि (1846)
- कन्या भ्रूण हत्या का उन्मूलन जैसे सामाजिक सुधार
- लॉर्ड डलहौजी (1848-1856) – दूसरा आंग्ल -सिख युद्ध (1848-49)
- निचले बर्मा का अधिग्रहण(1852)
- व्यपगत के सिद्धांत का परिचय
- वुड डिस्पैच (1854)
- वर्ष 1853 मैं मुंबई और ठाणे को जोड़ने वाली पहली रेलवे लाइन बिछाई गई
- लोक निर्माण विभाग की स्थापना
- लॉर्ड कैनिंग (1856-1862)- वर्ष 18 57 में कलकत्ता ,मद्रास ,और मुंबई में तीन विश्वविद्यालय की स्थापना
- वर्ष 18 57 का विद्रोह
- ईस्ट इंडिया कंपनी का उन्मूलन और भारत सरकार अधिनियम 1858 नियंत्रण
- 1809 का भारतीय परिषद अधिनियम
- लॉर्ड लिटन ( 1876-1880)- वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट (1878)
- शस्त्र अधिनियम (1878)
- दूसरा अफगान युद्ध (1878-80)
- क्वीन विक्टोरिया ने” कैसर -ए- हिंद” यह भारत की सामग्री की उपाधि धारण की
- लॉर्ड रिपन (1880-1888)-
- तीसरा बर्मा युद्ध (18 85 -86)
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना (1885)
- लॉर्ड लैंसडाउन (1888-1894) –
- कारखाना अधिनियम (1891)
- भारतीय परिषद अधिनियम (1892)
- डूरंड आयोग की स्थापना (1893)
- लॉर्ड कर्जन (1899-1905)-
- पुलिस आयोग की नियुक्ति (1902)
- विश्वविद्यालय आयोग की नियुक्ति (1902)
- भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम (1904)
- बंगाल का विभाजन (1905)
निष्कर्ष – तो दोस्तों आपको इस पोस्ट में पता चल गया होगा ।कि भारत के प्रथम गवर्नर जनरल कौन थे । तथा अंतिम गवर्नर जनरल कौन थे। आशा करती हूं कि आपको आपके सारे सवालों के जवाब मिल गए होंगे। यह पोस्ट आपको कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएं।
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