क्या आप जानते हो की भारत में मीठे पानी की सबसे बड़ी झील कौन सी है ? और भारत की सबसे बड़ी मीठे पानी की झील कहा है और ये भारत के किस राज्य में स्थित है और सबसे बड़ी मीठे पानी की झील की लंबाई कितनी है और यह विश्व भर में क्यों प्रसिद्ध मानी जाती है इन सभी सवालो के जवाब आपको इस पोस्ट में विस्तार के साथ बताएँगे ।
विषय-सूची
झील क्या होती है ? (What is a lake)
झील भूतल के वे विस्तृत गड्ढे हैं जिनमें जल भरा होता है. झीलों की एक महत्वपूर्ण विशेषता उनका खारापन होता है लेकिन अनेक झीलें मीठे पानी की भी होती हैं. झीलें भूपटल के किसी भी भाग पर हो सकती हैं। ये उच्च पर्वतों पर मिलती हैं, पठारों और मैदानों पर भी मिलती हैं तथा स्थल पर सागर तल से नीचे भी पाई जाती हैं।
भारत की मीठे पानी की सबसे बड़ी झील कौन सी है ?
भारत की सबसे बड़ी मीठे पानी की झील वुलर झील है जो जम्मू कश्मीर राज्य के बांडीपोरा ज़िले में स्थित एक है यह झेलम नदी के मार्ग में आती है वुलर झील भारत की सबसे बड़ी ताजे पानी की झील है और एशिया में सबसे बड़ी मीठे पानी की झीलों में से एक है।
इस झील का असली नाम महापदमा सार है जो क्षेत्र में प्राकृतिक जलाशय के रूप विख्यात, प्रसिद्ध नाल सरोवर पक्षी अभयारण्य के पास में ही स्थित है। आपको बता दू की इस झील के बीचोबीच में एक प्राचीन द्वीप के अवशेष को भी देखा जा सकता है जो सम्राट जैन – उल – आबेदीन द्वारा निर्मित है। पोहरू, ईरीन, हजर्बुल, और आराह यहां के कई प्रमुख नाले हैं जो इस झील में बहते हैं।
झील का अकार बड़ा होने से यहाँ दोपहर में बड़ी लहरें उठती हैं जिस से इसकी शांत सतह पर देखते-ही-देखते ऊँची और ख़तरनाक लहरे उठने लगती हैं। संस्कृत में इन लहरों को उल्लल कहा जाता है ।
वुलर झील पर्यटन की दृष्टि से भी बहुत महत्त्वपूर्ण है झेलम नदी इसमें अपना अस्थायी डेल्टा बनाती है वर्तमान समय में इसका क्षेत्रफल तेज़ी से घट रहा है यह कुछ वर्ष पूर्व तक वुलर एशिया की मीठे पानी की सबसे बडी झील हुआ करती थी, किंतु अब यह मात्र हरित क्षेत्र रह गयी है वुलर के पूर्वोत्तरी कोने में ज़ैनुल लंक नामक एक द्वीप है ।
वुलर झील का क्षेत्रफल और लंबाई कितनी है ?
इस झील का क्षेत्रफल 30 कि॰मी2 (12 वर्ग मील) से 260 कि॰मी2 (100 वर्ग मील) है और इसकी लंबाई 16 किमी है , चौड़ाई 9.6 किमी , अधिकतम गहराई 14 मी॰ (46 फीट) और सतही ऊँचाई 1,580 मी॰ (5,180 फीट) है ।
इस झील बेसिन को टेक्टोनिक गतिविधि के परिणामस्वरूप बनाया गया था ।
आपको बता दूं कि वेटलैंड्स इंटरनेशनल के एक अध्ययन में पाया गया कि वुलर झील का वास्तविक क्षेत्र 217.8 वर्ग किलोमीटर है,
जिसमें 58 किलोमीटर का दलदली क्षेत्र भी शामिल है। अध्ययन के अनुसार, यह क्षेत्र 1911 में 157.74 वर्ग किलोमीटर से घटकर 2007 में 86.71 वर्ग किलोमीटर हो गया था। कुल मिलाकर अध्ययन में यह कहा गया है कि झील के क्षेत्र में 45 प्रतिशत कमी मुख्यतः झील के हिस्सों का कृषि के लिए रूपांतरण और विलो वृक्ष के रोपण से हुई है।
वुलर झील का निर्माण किसने करवाया था?
यह एक कृत्रिम झील है जो सन् 1444 में कश्मीर के सुलतान ज़ैन-उल-अबदीन ने बनवाया था वे अपनी धार्मिक सहनशीलता के लिए जाने जाते थे और उन्हें हिन्दू व मुस्लिम कश्मीरी लोग इज़्ज़त से ‘बुड शाह’ के नाम से याद करते हैं ।
इसका अकार ३० वर्ग किमी से २६० वर्ग किमी के बीच बदलता है। अपने बड़े अकार के कारण इस झील में बड़ी लहरें आती हैं तुुलबुल परियोजना इसी झील पर स्थित है।
वुलर झील का प्राचीन नाम क्या था?
इस झील का प्राचीन नाम ‘महापद्मसर’ है क्योंकि प्राचीनकाल में ‘महापद्म देवता’ इस झील के अधिदेवता थे । इस झील को देखने के लिए पाकिस्तान के सिंधु जल आयोग के तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल, जिसने झेलम नदी के जल स्तर और तुलबुल नैवीगेशन प्रोजेक्ट की स्थिति को जानने के लिए मई 2013 में कश्मीर का दौरा किया था,
झेलम नदी ने ही वुलर झील का निर्माण किया है क्योंकि झेलम नदी , बेरीनाग झील से निकलकर श्रीनगर में वुलर झील से होकर गुजरती है ।
तो उम्मीद है इस पोस्ट में जान गए होंगे की झील क्या होती है और भारत की मीठे पानी की सबसे बड़ी झील कौन सी है ? और भारत की मीठे पानी की सबसे बड़ी झील कहा पर है और अन्य सभी जानकारी इस पोस्ट में मिल जाएगी । अगर आपको जानकारी अछि लगी हो तो इस सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करे ।
Popular Posts –