लड़कियों के लिए शिक्षा का महत्व – भारत को आजाद हुए 70 वर्ष से ज्यादा हो चुके हैं लेकिन कुछ चीजें अभी तक वैसी की वैसे ही है। जिसमें आज भी एक सबसे अहम समस्या है Girl education। समाज का एक हिस्सा आज भी लड़कियों को शिक्षा दिलाना ज्यादा जरूरी नहीं समझता। उन लोगों के लिए अपने लड़कों को पढ़ाना ही जरूरी लगता है
क्योंकि वे सोचते हैं की उनके लड़के की उनके परिवार को आगे बढ़ाएंगे। लड़कियों को तो आज भी पराया धन समझा जाता है। हमारी society में कुछ ऐसे भी शिक्षित लोग उपस्थित हैं, जो खुद शिक्षित होने के बावजूद अपनी बेटियों को पढ़ने के लिए घर से बाहर नहीं निकलने देते। लेकिन जैसे जैसे समाज उन्नति कर रहा है
हम समझते हैं कि girl education आज के समय मे बेहद ज़रूरी हो गया है। ताकि लड़कियां भी लड़कों की तरह अपने भविष्य के बारे में सोच सकें और उसको सवार सके। तो आइए आज हम आपको बताते हैं girl education का महत्व।
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Girl education को महत्व ना देने के कारण
आज भी ज्यादातर गांव के लोगों की यही thinking है कि लड़की पराया धन होती है। उसकी किस्मत और उसका भविष्य उसके पति के यहां जाकर ही तय होता है। इसलिए वे अपनी बेटियों को ज्यादा नहीं पढ़ाते।
कुछ लोग लड़कियों को घर से बाहर पढ़ने के लिए इसलिए भी नहीं भेजते क्योंकि उनको लगता है कि यह समाज काफी गंदा है। वह अपनी लड़कियों को बाहर भेजेंगे तो उनके साथ कुछ गलत घटना हो सकती है। या फिर वह बिगड़ जाएंगी और उनका society मे नाम ख़राब होगा। वे सोचते हैं कि अगर लड़की ज्यादा पढ़ लिख जाएगी तो अपनी मर्जी का सब कुछ करेगी जिससे उनकी नाक नीची हो जाएगी।
वहीं कुछ लोग लड़की को घर की kitchen तक ही सिमित रखते है। उनकी कट्टर सोच यह कहती है कि लड़की या महिला kitchen का और घर का काम करने के लिए ही है। बाहर के और काम काज के लिए पुरुष हैं।
इसके अलावा और भी बहुत सारे कारण हैं जिसकी वजह से लड़कियों को शिक्षा पाने से रोक दिया जाता है। इसमें किसी इकलौते को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता बल्कि पूरा समाज ही इसमें जिम्मेदार है।
लेकिन आज के समाज में Girl Education बेहद जरूरी है और हम आपको बताने जा रहे हैं क्यों।
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1 .दहेज होगा बंद
क्या आपने कभी सुना है कि कोई लड़की एक शानदार सरकारी job कर रही है और उसके परिवार को दहेज देने के लिए विवश किया जाता है। ऐसा आपने शायद ही कहीं सुना हो। जो लड़की शिक्षित नहीं है और जिनके मां बाप ज्यादा शिक्षित नहीं है उन्हीं को दहेज देने के लिए विवश होना पड़ता है। अगर लड़की को पढ़ाया लिखाया जाए और उसके पास अपनी job हो तो दहेज देने की बात ही नहीं आएगी।
2. देश की अर्थव्यवस्था बढ़ाने में मदद
अगर लड़कियों को पढ़ने लिखने भेजा जाएगा तो उनकी job लगने के मौके ज्यादा रहेंगे। पहले सिर्फ पुरुष ही विभिन्न गवर्नमेंट sector और प्राइवेट sector में काम करते थे। अगर महिलाएं भी ऐसा करेंगे तो निश्चित रूप से देश की economic growth बढ़ेगी।
3. छोटा और अच्छा परिवार
अगर खुद महिलाएं पढ़ी लिखी होगी तो वह छोटे परिवार की अहमता समझती होगी। अक्सर ही उन्हीं लोगों के ज्यादा बच्चे होते हैं जो ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं है। तो भारत की जनसंख्या(Population) पर भी काफी लगाम लगेगी। ज्यादातर एजुकेटेड लोगों के आपने सिर्फ दो ही बच्चे देखे होंगे।
4. परिवार भी होगा शिक्षत
एक शिक्षत माँ से ज्यादा अपनी family की शिक्षा के बारे मे कौन समझ सकता है। महिला पुरुष से ज्यादा समय घर पर बिताती हैं। इससे वह अपने बच्चों को बहुत अच्छे से पढ़ा लिखा भी सकती हैं। तो यह संभावना काफी बढ़ जाती है, कि उनके बेटा या बेटी आगे चलकर कामयाबी हासिल करेंगे और देश की उन्नति में योगदान देंगे।
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5. बाल विवाह पर लगेगी रोक (Less Child marriage)
आज भी समाज के कुछ पिछड़े वर्गों में लड़कियों की शादी उनके बालिग (mature or 18 plus) होने से पहले ही कर दी जाती है। ऐसे में अगर लड़कियां एडुकेटेड होंगी तो वह अपना ज्यादा से ज्यादा समय पढ़ाई में बिताएंगी और समझदार भी होंगी। वह अपने माता पिता को भी समझा सकती है। तो इससे निश्चित रूप से बाल विवाह (Child marriage) पर काफी रोक लगेगी।
6. कम घरेलू हिंसा
अक्सर घरेलू हिंसा (Domestic Violence) के केस सुनने में आते रहते हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि समाज की महिलाएं शिक्षित नहीं है। उनको अपने परिवार से और पैसे लाने के लिए violence किया जाता है। जो कि अपराध है। अगर वह शिक्षित होंगी तो वह अपने हक के लिए कानूनी लड़ाई लड़ सकती है। साथ ही अगर वह well educated होंगी और खुद की job होगी तो वह इंडिपेंडेंट होंगी। वह खुद के लिए और अपने बच्चों के लिए कमा खा सकती हैं।
7. खुद की आवाज उठा सकती हैं
अक्सर महिलाओं की आजादी को और उनकी इच्छाओं को दबा दिया जाता है, उनको पुरुष से कम समझा जाता है। कोई पुरुष उनकी प्रॉब्लम नही समझता। अगर वह educated होंगी तो खुद अपने लिए क़ानूनी लड़ाई लड़ सकती हैं। इस के साथ अपने साथ की दूसरी लेडीज़ की मदद भी कर सकती हैं।
हमारी society में काफी जागरुकता आ गई है। लेकिन अभी कुछ एरिया ऐसे भी हैं जहां ऐसा नहीं है। तो हमको कोशिश करनी चाहिए कि उनको हम समझा सकें और उनको अपनी बेटियों की शिक्षा के लिए motivate करें।
असंभव को संभव बनाओ, अपनी बेटी को आगे बढाओ..
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