क्रिया के कितने भेद होते है ? – आप को इस पोस्ट में बताने वाले है की क्रिया शब्द क्या है । इतना तो आप सभी भी जानते होंगे की क्रिया शब्द एक व्याकरण है जो की आज कल बच्चो को स्कूल में पढ़ाया जाता है । साथ ही साथ एग्जाम में भी दिया जाता है।
आप को बतायेगे की क्रिया किसे कहते है और क्रिया की क्या महत्व है हमारे जीवन में। अगर आप को क्रिया बारे में और जानकारी चाहिए तो आप हमारी इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़े।
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विषय-सूची
क्रिया की परिभाषा:-
जिस शब्द से किसी कार्य के होने का तथा किये जाने का बोध हो उसे क्रिया कहते है जैसे –
- मोहन पी रहा है ।
- गीता नाच रही है ।
- बबिता खा रही है ।
- राम खेल रहा है ।
ऊपर दिए गए वाक्ये जैसे पी रहा है ,नाच रही है ,खा रही है ,खेल रही है | इन शब्दों का बोध हो रहा है | इन शब्दों को क्रिया कहते है |
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क्रिया के मुख्य भेद कौन से है –
क्रिया के दो मुख्य भेद होते है
- सकर्मक क्रिया
- अकर्मक क्रिया।
(1) – सकर्मक क्रिया – जिस वाक्य में क्रिया के साथ कर्म जुड़ा होता है तो उस क्रिया को सकर्मक क्रिया कहा जाता है. सकर्मक शब्द को सूक्ष्मता से देखें तो यह दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है, स+ कर्मक.
- श्याम लकड़ी काटता है
- सीता खाना पकाती है।
- रवि लिखता है।
- वह खा चुका था।
- राम पढेगा।
उपयुक्त वाक्यों में काटना, पकाना, खाना, लिखना, पढ़ना सभी सकर्मक क्रिया आए हैं इनका प्रभाव कर्म पर पड़ता है। जैसे काटता है तो क्या काटता है, पकाता है तो क्या पकाता है, लिखता है तो क्या लिखता है इत्यादि।
(2) – अकर्मक क्रिया:- सकर्मक क्रिया उस क्रिया को कहा जाता है, जिसमे कर्म का होना जरूरी होता है, इस क्रिया का असर कर्ता पर न होते हुए कर्म पर पड़ता है। वह सकर्मक क्रिया होती है.
- सहायक क्रिया
- पूर्वकालिक क्रिया
- नामबोधक क्रिया
- द्विकर्मक क्रिया
- सयुंक्त क्रिया
- क्रियार्थक संज्ञा
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रचना के आधार पर क्रिया के पांच भेद होते हैं –
क्रिया के पांच भेद होते है –
- प्रेरणार्थक क्रिया
- नामधातु-प्रधान क्रिया
- संयुक्त क्रिया
- सामान्य क्रिया
- पूर्वकालीन क्रिया
(1) – प्रेरणार्थक क्रिया:-प्रेरणार्थक क्रिया उस क्रिया को कहा जाता है, जिसमे कर्ता खुद कुछ न करते हुए किसी दूसरे से काम करवाता है, तो ऐसी क्रिया को हम प्रेरणात्मक क्रिया कहते है।
जैसे-राम,श्याम से किताब पढ़ने को कहता है।
(2) – नामधातु क्रिया:-नामधातु क्रिया उस क्रिया को कहा जाता है, जो किसी धातु से न मिलकर किसी संज्ञा या किसी सर्वनाम से मिलकर बनती है।
जैसे-पानी से पनियाना।
(3) – संयुक्त क्रिया:-संयुक्त क्रिया, उस क्रिया को कहा जाता है, जो किसी दो क्रियाओ के मिलने से बनती है। इसको यदि हम सरल शब्दों में समझे तो यह कहा जा सकता है, की जब दो क्रिया मिलकर किसी तीसरी क्रिया का निर्माण करती है, तो वह क्रिया संयुक्त क्रिया कहलाती है।
जैसे-वे लोग चले गए।
(4) – सामान्य क्रिया – दो क्रियाओं से मिलकर बनी क्रिया संयुक्त क्रिया कहलाती है जिसमें प्रथम क्रिया मुख्य और दूसरी रंजक क्रिया होती है।
उदाहरण में – वे लोग चले गए। वाक्य में चले और गए दोनों क्रिया है, जिसमें चले मुख्य क्रिया है और गए रंजक क्रिया है दोनों को मिलाकर ही अर्थ निकलता है।
(5) – पूर्वकालीन क्रिया – इसमें किसी वाक्य में सिर्फ एक क्रिया का बोध होता है।
उदाहरण में – सोहन पढ़ो, तुम चलो इत्यादि में सामान्य क्रिया है।
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निष्कर्ष:-
उम्मीद है आप को इस पोस्ट में बता दिया है की क्रिया किसे कहते है और इस के कितने भेद होते है आशा करते है की आप को हमारी ये पोस्ट जरूर पसंद आयी होगी और ये पोस्ट आप को कैसी लगी हमे कमेंट कर के जरूर बताये ।
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