क्या आप जानते हैं कुतुब मीनार की लंबाई कितनी है या कुतुब मीनार की लंबाई कितनी मीटर है और कुतुब मीनार को किसने बनवाया था और यह कहां स्थित है तू इस विषय के बारे में हम इस लेख में विस्तृत जानकारी आपको देने वाले हैं अगर आप कुतुबमीनार के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो इस पोस्ट को अंत तक जरूर पड़े।
कुतुबमीनार बहुत सुंदर और एक ऊंची मीनार है यह मीनार भारत के दिल्ली शहर में स्थित है इस मीनार को देखने हर रोज लाखो लोग आते हैं। इस मीनार की सुंदरता भारत में बहुत प्रसिद्ध है कुतुबमीनार को करीबी से देखने पर एक अलग ही अनुभव मिलता है।
इस पोस्ट को हमारा मुख्य विषय है कि कुतुब मीनार की लंबाई कितनी है और कुतुब मीनार को कब बनाया गया तथा कुतुबमीनार को किसने बनाया था तो चलिए जानते है।
विषय-सूची
- 1 कुतुब मीनार की लंबाई कितनी है ?
- 2 कुतुब मीनार किसने बनाया था ?
- 3 कुतुब मीनार का नाम कुतुब मीनार क्यों रखा गया ?
- 4 कुतुबमीनार को बनाने में कितना समय लगा था ?
- 5 कुतुब मीनार किसकी याद में बनाया गया था –
- 6 कुतुबमीनार में कुल कितनी सीढ़ियां हैं ?
- 7 कुतुब मीनार के आस पास कौन कौन -सी इतिहासिक धाराएं हैं-
- 8 कुतुब मीनार का इतिहास –
- 9 कुतुब मीनार के बारे में रोचक तथ्य –
- 10 कुतुब मीनार के बारे में जानकारी –
कुतुब मीनार की लंबाई कितनी है ?
कुतुबमीनार विश्व की सबसे ऊंची मीनार है इसकी लंबाई 72.5 मीटर और 237.86 फिट है। कुतुबमीनार का व्यास 14.3 मीटर है। कुतुबमीनार में 379 सीढ़ियां है। कुतुबमीनार भारत के प्रसिद्ध मीनार है जिसे मार्बल और पत्थरों से बनाया गया है कुतुबमीनार को देखने हजारों लोग आते हैं यह बहुत सुंदर है इसमें प्रसिद्ध कला दिखाई गई है।
S.N. | कुतुब मीनार जानकारी | उतर |
1. | ऊंचाई मीटर में | 72.5 मीटर |
2. | ऊंचाई फ़ीट में | 237.86 फीट |
3. | मीनार का व्यास | व्यास 14.3 मीटर |
4. | निर्माणकर्ता | क़ुतुबुद्दीन ऐबक |
5. | स्थल | यूनेस्को विश्व धरोहर |
6. | देश | भारत |
कुतुब मीनार किसने बनाया था ?
कुतुब मीनार का निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक ने किया था। इस मीनार का निर्माण 1193 में हुआ था । कुतुब मीनार के निर्माण करने के बाद कुटबुद्दीन की मृत्यु हो गई थी। उनके पास इस मीनार मीनार के निर्माण के उत्तरदायित्व शमसुद्दीन इल्तुतमिश बनाया गया था। फिर इन्होंने क़ुतुब मीनार का काम शुरू किया ।
शमसुद्दीन इल्तुतमिश ने कुतुब मीनार की थी 2 मंजिल तक काम पूरा किया फिर 1368 में फिरोजशाह तुगलक ने कुतुब मीनार की पांचवी मंजिल का निर्माण शुरू किया कुतुबमीनार लाल और वह पत्थर से बना है यह विश्व की सबसे ऊंची मीनार है।
कुतुब मीनार के भीतर बहुत ही खूबसूरत नजारे हैं इसे देखने बहुत सारे लोग हर रोज दिल्ली में आते हैं यह एक बहुत खूबसूरत मीनार है।कुतुब मीनार के हर फ्लोर पर बालकनी है जिस पर लोग जाकर बाहर का नजारा देखते हैं। कुतुब मीनार के अंदर से बाहर का नजारा बहुत ही खूबसूरत दिखाई देता है ।
कुतुब मीनार का नाम कुतुब मीनार क्यों रखा गया ?
इस मीनार का नाम कुतुब मीनार इसलिए रखा गया क्योंकि इस मीनार का निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक ने किया था। इसलिए इस मीनार का नाम कुतुब मीनार रखा गया । इस मीनार में पांच मंजिल है कुतुब मीनार का निर्माण मंदिर और जैन मंदिरों को तोड़कर किया गया है।
परंतु कुतुबमीनार के दरवाजे हमेशा के लिए बंद करवा दिए गए थे। क्योंकि उस मीनार के अंदर कुछ ऐसी घटना घटित हुई जिसमे 45 लोगों की मृत्यु हो गई थी। जिसके वजह से इस मीनार का दरवाजा हमेशा के लिए बंद कर दिया गया था।
कुतुबमीनार को बनाने में कितना समय लगा था ?
दिल्ली के पहले मुस्लिम शासक कुतुबुद्दीन ऐबक अफ़ग़ानिस्तान में स्थित जाम की मीनार से प्रभावित होकर कुतुबमीनार का निर्माण 1193 ईसवी में शुरू किया गया था और पहली मंजिल का निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक ने किया ।और बाकी तीन मंजिलों का निर्माण उनके उत्तराधिकारी इल्तुतमिश ने किया। 1368 में फिरोज शाह तुगलक ने पांचवीं और अंतिम मंजिल का निर्माण किया।
कुतुब मीनार किसकी याद में बनाया गया था –
कुतुब मीनार अफगानिस्तान में जमा मीनार की अनुसरण करके बनाई गई एक मीनार है कुतुब मीनार के नामकरण के पीछे दो कारण हैं पहला इसका नाम इसके निर्माता कुतुबुद्दीन ऐबक नाम पर रखा गया दूसरा ट्रांस ऑक्सियान से आए प्रसिद्ध सूफी संत के सम्मान में बनाया गया था ।
कुतुबमीनार में कुल कितनी सीढ़ियां हैं ?
कुतुब मीनार एक 72.5 मीटर ऊंची एक मीनार है। और आपको जानकर हैरानी होगी इस मीनार के अंदर कुल 379 सीढ़ियां है।
कुतुब मीनार के आस पास कौन कौन -सी इतिहासिक धाराएं हैं-
कुतुब मीनार के आसपास ऐतिहासिक धाराओं के बारे में बात करें तो इस मीनार के आसपास कई सारी खूबसूरत धाराएं हैं। जैसे अलाई दरवाज़ा, इल्तुतमिश ,अलाउद्दीन खिलजी और इमाम जमीन के मकबरे अलाई मीनार 7 मीटर ऊंचा लौह स्तंभ का है।
कुतुब मीनार का इतिहास –
यदि हम कुतुब मीनार के इतिहास के बारे में बात करें तो कुतुब मीनार दिल्ली के मुस्लिम शासक कुतुबुद्दीन ऐबक ने अफगानिस्तान में स्थित जाम की मीनार से प्रेरित होकर 1193 में मीनार का निर्माण शुरू किया था। उसके बाद मीनार का काम उनके उत्तराधिकारी ने पूरा किया।
कुतुब मीनार के बारे में रोचक तथ्य –
- टावर के अंदर शीर्ष तक पहुंचने के लिए 379 सीढ़ियां हैं।
- कुतुब मीनार को भारत में मुस्लिम शासन की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है।
- परिसर में 2,000 साल पुराना एक लोहे का खंभा है जिसमें दो सदियों से जंग नहीं लगा है।
- क़ुतुब मीनार परिसर में आधा दर्जन से अधिक अन्य छोटे स्मारक हैं, जिनमें मस्जिद, मकबरे और स्तंभ शामिल हैं।
- कुतुब मीनार 73 मीटर (240 फीट) लंबा है।
- कुतुब मीनार का व्यास आधार पर 14.32 मीटर और शीर्ष पर 2.75 मीटर है।
- कुतुब मीनार का निर्माण कुतुब-उद-दीन ऐबक ने 1193 में करवाया था।
- कुतुब मीनार का निर्माण कुतुब-उद-दीन ऐबक द्वारा शुरू किया गया था, लेकिन उसने केवल तहखाने का निर्माण किया था। टावर के निर्माण को बाद में उनके उत्तराधिकारी इल्तुतमिश ने अपने हाथों में ले लिया, जिन्होंने तीन और कहानियों का निर्माण किया। अंतिम दो मंजिलों को फिरोज शाह तुगलक ने तैयार किया था।
- कुतुब मीनार का नाम दिल्ली सल्तनत के संस्थापक कुतुब अल-दीन ऐबक के नाम पर रखा गया है।
- दिल्ली, भारत में लौह स्तंभ कुतुब परिसर में 7 मीटर का स्तंभ है। पिछले 2000 वर्षों से लौह स्तंभ समय की कसौटी पर खरा उतरा है और जंग का विरोध किया है।
कुतुब मीनार के बारे में जानकारी –
निष्कर्ष-
इस आर्टिकल में हमने आप सभी को कुतुब मीनार से जुड़ी कई बातें बताई है। जैसे- कुतुब मीनार की लंबाई कितनी है या कुतुब मीनार की लंबाई कितनी मीटर है ? व कुतुब मीनार किसने बनाया था। कुतुबमीनार का नाम कुतुब मीनार क्यों रखा गया। क़ुतुब मीनार किसकी याद में बनाया गया और कुतुब मीनार में कितनी सीढ़ियां है कुतुब मीनार के आस पास कौन से इतिहास धारोहरे हैं ।
इन सभी प्रश्नों के उत्तर इस लेख में विस्तार के साथ बताएं हैं उम्मीद है आपको हमारा यह लेख जरूर पसंद आया होगा तो इस लेख को आप सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें और कमेंट करके कुतुब मीनार के बारे में अपने विचार जरूर से साझा करें
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