sangya ke bhed kitne hote hain– क्या आप जानते है संज्ञा के कितने भेद होते हैं और संज्ञा किसे कहते है और संज्ञा कितने प्रकार की होती है ? तो अगर आप इस विषय के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही वेबसाइट पर आए हैं इस लेख जानेगे संज्ञा के कितने भेद और संज्ञा के प्रकार बारे में पूरी जानकारी बताने वाले है
संज्ञा के भेद जानने से पहले आपको पता होना चाहिए कि संज्ञा क्या होती है और यह कितने प्रकार के होती है तो पहले हम जानेंगे संज्ञा क्या है उसके बाद आपको इसके भेद कितने होते है बताएंगे
विषय-सूची
संज्ञा किसे कहते हैं ? Sangya in hindi
किसी व्यक्ति वस्तु स्थान प्राणी गुण भाव आदि के नाम को” संज्ञा” कहते हैं। संज्ञा शब्द की व्याकरण में संज्ञा वर्क विकारी शब्द है ।”विकारी” शब्द का अर्थ है । जिसमें हम परिवर्तन कर सकते हैं जैसे कि संज्ञा के क्या उदाहरण है । हम आपको इनके बारे में विस्तार में बताएंगे-
उदाहरण :-
- व्यक्ति के नाम- मोहन, रोहन, राधा, कृष्ण आदि।
- स्थान के नाम- देहरादून ,दिल्ली, मुंबई, चेन्नई ,कोलकाता आदि।
- वस्तु के नाम- मेज, कुर्सी ,आदि वस्तुओं के नाम में आते हैं।
- प्राणी के नाम- प्राणी में किसी छोटे से लेकर बड़े जानवर आ सकते हैं। जैसे -कुत्ता ,बिल्ली, बकरी, गाय ,भैंस आदि
- गुणों के नाम – गुणों के नाम में किसी व्यक्ति के गुण व जानवरों के गुण आ सकते हैं। जैसे -किसी की ईमानदारी, बेईमानी, धोखेबाजी ,सच्चाई आदि गुण होते हैं।
- भावों के नाम- इसी तरह से भावों के नाम आते हैं। जैसे दया ,खुशी आदि ।
संज्ञा के कितने भेद होते है ? Sangya ke bhed kitne hote haina
अगर किसी को इस प्रश्न के बारे में पता नहीं है तो आपको बता देते है हिंदी व्याकरण में संज्ञा के तीन भेद होते हैं-
- जातिवाचक संज्ञा
- भाववाचक संज्ञा
- व्यक्तिवाचक संज्ञा
संज्ञा कितने प्रकार की होती है ?
अगर बात करे की संज्ञा कितने प्रकार की होती है तो मुख्य रूप से संज्ञा 3 प्रकार की होती है लेकिन इसके 2 प्रकार और भी होते है जिनकी जानकारी आप आगे पढ़ सकते है तो कुल मिलकर संज्ञा 5 प्रकार की होती है हम आपको इन 5 की परिभाषा भी बताएंगे उदाहरण सहित। ताकि आपको यह सब अच्छे से समझ में आ जाए।
- व्यक्तिवाचक संज्ञा
- भाववाचक संज्ञा ,
- जातिवाचक संज्ञा
- समूहवाचक संज्ञा
- द्रव्यवाचक संज्ञा
1- जातिवाचक संज्ञा –
जातिवाचक संज्ञा यानी किसी व्यक्ति, प्राणी, जीव ,जंतु की जाती हो सकती है। तो इस वाक्य में किसी वस्तु प्राणी आदि की जाति का बोध हो उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं ।वैसे तो यह बिल्कुल ही व्यक्तिवाचक से मिला -जुला है। क्योंकि इसमें आपको उसी तरह की चीजें देखने को मिलती है ।लेकिन इसमें किसी विशेष आदमी विशेष स्थान भवन या प्राणी आदि की जाति का बोध हो उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। परंतु इसमें किसी विशेष आदमी स्थान भवन या प्राणी का नाम नहीं मिलता है ।बल्कि उन प्राणियों की जाति का बोध करवाया जाता है।
2 भाववाचक संज्ञा –
क्योंकि भाववाचक संज्ञा में भावों के अलावा गुणों दशाओं और अवस्थाओं के नाम को भी जाना जाता है ।भाववाचक संज्ञा में किसी विशेष भाव का ही बोध कराया जाता है ।यदि किसी विशेष व्यक्ति है ।भाव किसी विशेष व्यक्ति के गुणों या किसी विशेष प्राणियों के गुणों या प्राणियों के भावों या किसी विशेष स्थान के भाव आदि का बोध कराया जाए उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं ।भावों के नाम में कई प्रकार के शब्द आते हैं ।जैसे- ईमानदारी दया प्रसन्नता दयालुता आदि।
3 व्यक्तिवाचक संज्ञा –
व्यक्तिवाचक संज्ञा उसे कहते हैं। जिसमें हम किसी व्यक्ति यानी कोई विशेष व्यक्ति हो सकता है।” वाचक” यानी बताने वाला या बताने वाली संज्ञा व्यक्तिवाचक कहलाता है। परंतु हम व्यक्तिवाचक संज्ञा में किसी व्यक्ति के बारे में ही नहीं हम इसमें किसी वस्तु प्राणी स्थान के बारे में भी बता सकते हैं ।इन सबके नाम का बोध करना भी व्यक्तिवाचक संज्ञा कहलाता है। जैसे- देहरादून मुंबई कोलकाता आदि। मोहन रोहन सुहाना आदि।
4. समुदायवाचक संज्ञा-
जब किसी वाक्य में किसी बड़े समुदाय से संबंधित बातों का बोध कराया जाए तो समुदाय वाचक संज्ञा कहते हैं ।जब किसी वाक्य में से किसी बड़े समुदाय की बात हो किसी बड़ी संस्था की बात हो वहां पर बहुत सारे इकट्ठे लोग या वस्तु हो या जानवर हो उनको समुदाय वाचक संज्ञा कहते हैं।
5. द्रव्यवाचक संज्ञा –
द्रव्यवाचक संज्ञा यानी तरल पदार्थ जहां पर किसी भी तरह के पदार्थ की बात आती है ।जैसे दूध, पानी ,तेल, सोना ,चांदी ,लोहा ,आदि। इन सभी चीजों के नाम के बोध को द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं।
तो आप सभी को अच्छे से समझ में आ गया होगा की संज्ञा क्या है। संज्ञा के कितने भेद होते हैं। वह इस का इस्तेमाल किस तरह से किया जाता है ।और इसके अंतर्गत क्या-क्या चीजें आती है।
हिन्दी व्याकरण के अनुसार संज्ञा को 2 भागो में बांटा गया है
- अर्थ के आधार पर
- व्युत्पत्ति के आधार पर
अर्थ के आधार पर संज्ञा के भेद –
हिंदी व्याकरण के अनुसार संज्ञा के 5 भेद होते हैं, जो अपने ऊपर पड़ा होगा उन्हे ही के अर्थ के आधार पर संज्ञा के भेद कहे जाते है जो इस संज्ञा के भेद अर्थ के आधार पर इस प्रकार से है
- व्यक्तिवाचक संज्ञा
- जातिवाचक संज्ञा
- भाववाचक संज्ञा
- समूहवाचक संज्ञा
- द्रव्यवाचक संज्ञा
व्युत्पत्ति के आधार पर संज्ञा के भेद कितने होते है
हिंदी व्याकरण के अनुसार व्युत्पत्ति के आधार पर संज्ञा के भेद 3 प्रकार के होते है
यौगिक शब्द
रूढ़ शब्द
योगरूढ़ शब्द।।
संज्ञा के भेद और संज्ञा के बारे में जरुरी सवाल –
निष्कर्ष –
तो दोस्तों आपको इस पोस्ट में संज्ञा किसे कहते हैं। संज्ञा के कितने भेद होते हैं। ( sangya ke kitne bhed hote hain )और संज्ञा की परिभाषा , प्रकार कितने होते है। यह महत्वपूर्ण जानकारी बताई गई है।
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